छत्तीसगढ़ में कैसे होगी शराबबंदी? डिटेल में समझें भूपेश सरकार का पूरा प्लान

रायपुर. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी (Liquor Ban in Chhattisgarh) से पहले जनचेतना अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए महिला कमांडो को सशक्त किया जाएगा और नशा मुक्ति केंद्रों (Rehab Center) की भी संख्या बढ़ाई जाएगी. जानकारी के मुताबिक, समिति के सदस्य बिहार, गुजरात, नागालैंड, मिजोरम, लक्ष्यदीप समेत जहां पूर्ण शराबबंदी है वहां समाज की आर्थिक स्थिति के साथ कानून व्यवस्था का भी एक अध्ययन करेंगे. साथ ही टीम उन राज्यों का दौरा भी करेगी जहां शराबबंदी के बाद फिर से शराब की बिक्री शुरू की गई है. छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा (MLA Satyanarayan Sharma) की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है.

इससे पहले इस मुद्दे को लेकर एक बैठक भी हुई है जिसमें शराबबंदी (Total Liquor Ban) के बाद पेश आने वाले सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर बातचीत की गई है. मामले में प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि पार्टी के घोषणा पत्र में कहा गया है कि हम छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Congress) में शराबबंदी करेंगे, लेकिन किसान, आम जनता और मजदूरों की स्थिति को ध्यान में रखा जा रहा है इसलिए जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा.

आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) का कहना है कि शराबबंदी को लेकर सभी समितियों की बैठक ली जा रही है, शराबबंदी से पहले किस तरह का प्रचार होगा, जिन राज्यों ने शराबबंदी की, उन राज्यों में कैसी स्थिति है, इसका आकलन किया जाएगा. कवासी लखमा ने कहा कि यहां शराबबंदी को लेकर हमारी सरकार गंभीर है. आपको बता दें कि 23 अगस्त को शराबबंदी को लेकर विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में बैठक भी हुई है. इस बैठक में विधायक शिशुपाल सोरी, उत्तरी जांगड़े, रश्मि सिंह, द्वारकाधीश यादव, दलेश्वर साहू, पुरुषेत्तम कंवर, संगीता सिन्हा और कुंवर सिंह निषाद समते आबकारी विभाग के सचिव निरंजन दास मौजूद रहे जिसमें ज्यादार विधायकों ने धीरे-धीरे शराब दुकानें कम करते हुए  सामाजिक अभियान के जरिए लोगों में जन-चेतना अभियान चलाने का सुझाव दिया.

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